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भारत में क्रिकेट खेल एक अभिन्न भाग्यशाली प्रेरणा का केंद्र बन चुका है। इस राष्ट्रीय खेल को लोग धर्म से ज्यादा भी पसंद करते हैं। भारत के क्रिकेट रूचि का उदाहरण दुनिया भर में अग्रणी टूर्नामेंटों, जैसे कि विश्व कप और विभिन्न टेस्ट और वनडे सीरीज, में लगातार भागीदारी के माध्यम से देखा जा सकता है।
क्रिकेट ने भारतीय जनता के मन में एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है, जो खेल के लिए अनुसंधान, प्रोत्साहन और प्रशंसा के लिए लगातार प्रेरित करता है। यहां बच्चे और युवा खिलाड़ियों की दृढ़ इच्छा है कि वे क्रिकेट में उन्नति करें और राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करें।
भारतीय क्रिकेट टीम के महान खिलाड़ियों के साथ-साथ इस खेल के प्रेमी और चाहने वाले उन्नति के समय भी देखे गए हैं। विराट कोहली, रोहित शर्मा, एमएस धोनी, सचिन तेंदुलकर, विरेंद्र सहवाग, और राहुल द्रविड़ जैसे क्रिकेटरों के उदाहरण से लोग खुद को प्रेरित करते हैं और खेल में बढ़ोतरी के लिए प्रतिबद्ध होते हैं।
भारतीय क्रिकेट रूचि के पीछे कई कारण हैं, जैसे कि खेल का माध्यमिक अभिवृद्धि, भारतीय दर्शकों के भावुकता से जुड़ा होना, और खेल में प्रतिस्पर्धा का उत्साहपूर्वक समर्थन। क्रिकेट भारतीय समाज में एकता का प्रतीक है जो राष्ट्रीय भावना को मजबूत बनाता है और खिलाड़ियों को नए ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए प्रेरित करता है।
इस लेख में हम आपको एक ऐसी बात बताने जा रहे है जिससे बहुत से क्रिकेट प्रेमी अनजान होंगे, इस लेख में आपको पता चलेगा की जब भारत में क्रिकेट खेल की शुरुआत हुई तो भारत की तरफ से पहला तेज गेंदबाज कौन था।
कौन थे इंडियन क्रिकेट टीम के सबसे पहले फ़ास्ट बॉलर ~
टीम इंडिया की क्रिकेटिंग जर्नी साल 1932 में शुरू हुई थी, जब उसने इंग्लैंड के खिलाफ अपना डेब्यू टेस्ट मैच खेला था। सीके नायडू के नेतृत्व में भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में खेले गए उस शुरुआती टेस्ट मैच को महज तीन दिनों में गंवा दिया था। टीम इंडिया की हार के बावजूद उस मुकाबले में मोहम्मद निसार छाए रहे थे।
मोहम्मद निसार ने भारत के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट की पहली गेंद डाली थी। दाएं हाथ के तेज गेंदबाज निसार ने भारत के उस पदार्पण मैच में पहला विकेट चटकाने के साथ ही 5 विकेट हॉल भी पूरा किया था। आज ही (1 अगस्त) के दिन साल 1910 में पंजाब के होशियारपुर में मोहम्मद निसार का जन्म हुआ था।निसार को अपने करियर में महज 6 टेस्ट (सभी इंग्लैंड के खिलाफ) मैच खेलने का मौका मिला, लेकिन इस दौरान उनकी गेंदों की रफ्तार काफी सुर्खियों में रही। सीके नायडू ने अपने एक लेख में कहा था कि निसार इंग्लैंड के तेज गेंदबाज हेराल्ड लारवुड से भी तेज थे। |
लॉर्ड्स में भारत के ऐतिहासिक पहले टेस्ट मैच को देखने के लिए लगभग 25,000 लोग मौजूद थे। इंग्लिश कप्तान डगलस जार्डिन ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी। इंग्लैंड की ओर से पर्सी होम्स और हर्बर्ट सटक्लिफ पारी की शुरुआत करने उतरे।
इसके बाद फ्रैंक वूली भी रन आउट हो गए जिसके चलते इंग्लैंड का स्कोर 19/3 रन हो गया। बाद में कप्तान डगलस जार्डिन के 79 रनों की बदौलत इंग्लिश टीम पहली पारी में 259 रन बना पाई। मोहम्मद निसार ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 93 रन देकर 5 विकेट झटके. जवाब में सीके नायडू (40), नाओमल जूमाल (33) और वजीर अली (31) की बदौलत एक समय भारत का स्कोर 110/2 रन था। इसके बाद इंग्लैंड ने शानदार वापसी करते हुए भारत की पहली पारी को 189 रनों पर समेट दिया।
फिर इंग्लैंड ने अपनी दूसरी पारी 8 विकेट पर 275 रन बनाकर घोषित कर दी। दूसरी पारी में भारत की ओर से जहांगीर खान ने 60 रन देकर 4 विकेट चटकाए। 346 रनों के टारगेट का पीछा करते हुए भारतीय टीम अपनी दूसरी पारी में 187 रनों सिमट गई. इस तरह भारत को अपने डेब्यू टेस्ट में 158 रनों से हार का सामना करना पड़ा था।
भारत को 1933-34 में अपने घर पर इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट खेलने का दूसरा मौका मिला। मुंबई में खेले गए उस टेस्ट मैच में निसार ने एक बार फिर गेंदबाजी का आगाज किया और पारी में 5 विकेट निकाले। इस दौरे में इंग्लैंड की टीम लगभग अजेय रही, हालांकि बनारस में विजयनगरम इलेवन के महाराजा से इंग्लिश टीम को 14 रनों की हार झेलनी पड़ी थी। निसार ने उस मैच में 117 रन देकर 9 विकेट चटकाए थे।
1936 में भारत ने एक बार फिर इंग्लैंड का दौरा किया। निसार ने उस दौरे के तीसरे टेस्ट में एक बार फिर 5 विकेट हॉल लिया। दुर्भाग्यवश 26 साल के निसार का वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का आखिरी मैच साबित हुआ। उसके बाद द्वितीय विश्व युद्ध और राजनीतिक हालातों के चलते भारत 10 सालों तक क्रिकेट से दूर रहा।
बंटवारे के समय कई नवाबों ने मोहम्मद निसार को भारतीय पक्ष में रहने के लिए अनुरोध करते हुए पत्र लिखा था, लेकिन निसार का दिल लाहौर में था। विभाजन के बाद निसार पत्रों के माध्यम से अपने भारतीय साथियों के संपर्क में रहते थे। लेकिन वह पंजाब में अपने जन्म स्थान होशियारपुर का दौरा करने में सक्षम नहीं थे।
मोहम्मद निसार पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के संस्थापकों में से एक रहे। उन्होंने पाकिस्तान की पहली टीम चुनी थी। लेकिन बाद में राजनीति की वजह से उन्होंने क्रिकेट प्रशासन छोड़ दिया। निसार ने पाकिस्तान रेलवे में ट्रैवल अधिकारी के रूप में काम करना जारी रखा।
भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट बोर्ड ने साल 2006 में मोहम्मद निसार के सम्मान में निसार ट्रॉफी की शुरुआत की। इस टूर्नामेंट में दोनों देशों की ओर से घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट की विजेता टीम आपस में भिड़ती थीं। पहले दो साल उत्तर प्रदेश और मुंबई ने जीते।
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