गाड़ा अंजुमन का कथित चुनाव रद्द, पुलिस प्रशासन का चाबुक चला, तो निकल गई हेकडी, चुनाव करवाने वाले मैदान छोड़कर भागे,नौजवानों के जोश की जीत
सहारनपुर, उत्तर प्रदेश: मरहूम डिप्टी अब्दुर रहीम की सोच और उनके विजन के खिलाफ जाकर कथित रूप से गाड़ा अंजुमन के सदर का चुनाव करवाने वाले लोगों के सामने बिरादरी के तमाम नौजवानों और बुजुर्गों ने आईन को दुरुस्त करके बेहद ईमानदारी के साथ चुनाव करवाने हेतु फिलवक्त इस चुनाव को टालने की हाथ जोड़कर गुहार लगाई और हरिद्वार, मुजफ्फरनगर, मेरठ, दिल्ली,हरियाणा तक के गाड़ो ने स्थानीय गाडो को साथ लेकर सहारनपुर में डेरा डाल दिया।
मगर खुद को टी एन सेशन समझने वाले यह लोग हरगिज़ नहीं माने। लेकिन जैसे ही पुलिस प्रशासन का चाबुक चला और कानून ने अपना काम किया, तो इनकी सारी हेकड़ी निकल गई। कल तक इस चुनाव को अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव की तरह मानकर चल रहे मठाधीशों ने बिरादरी के नौजवानों और बुजुर्गों की मेहनत और संघर्ष से घबराकर तत्काल पत्र जारी किया, कि चुनाव रद्द कर दिया है।
सियासी नेताओं के घुंघरू और मठाधीशों ने जब यह तय कर लिया, कि गाडा अंजुमन के सदर का चुनाव हर कीमत पर करवाना है, तो बिरादरी के तमाम नौजवानों और बुजुर्गों ने चुनाव करवाने वालों पर दबाव बनाया और उसके बाद देवबंद जाकर एक मीटिंग में सबने कुछ आम सहमतियां जताकर खुद को इन मठाधीशों के आगे सरेंडर कर दिया।
मगर कुछ लोग हक और इंसाफ की बात को लेकर इस चुनाव का विरोध करते रहे, जब सारे रास्ते बंद हो गए, तो उत्तराखंड की धरती से गाड़ा बिरादरी के लोगों की मजबूत आवाज उठी और उन्होंने बिरादरी के तमाम लोगों को अंतरात्मा की आवाज पर भगवानपुर में एक महापंचायत में बुलाया।
इस महापंचायत में जहां बिरादरी के हजारों लोगों ने शिरकत की, वही अफसोस नाक बात यह रही, कि खादी का कुर्ता पजामा पहने वाले सियासी घुंघरू और मठाधीश इस महापंचायत मे दूर दूर तक कंही दिखाई नही दिए और एक तरीके से उन्होंने इस महापंचायत का बाय काट कर दिया। इस महापंचायत की अगुवाई मौलाना मुदस्सिर सिरचंदी, हुसैन गौड सिरचंदी और चेयरमैन रियासत अली तथा उनकी टीम ने की।
बीते कल नौजवानों और बुजुर्गों ने साथ मिलकर पुलिस प्रशासन के आला अफसरो को गाडा बिरादरी के इन मठाधीशों द्वारा आईन के खिलाफ जाकर जबरदस्ती चुनाव करवाने की सारी हकीकत बताई, तो पुलिस प्रशासन के काबिल अफसरो ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए चुनाव करवाने वाले और उनके सियासी आकाओ, मठाधीशों और घुंघरूओ को साफ और सख्त निर्देश दे दिया, कि किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा।
इसलिए तत्काल इस चुनाव को रद्द करवा दिया जाए, इस प्रकार जब पुलिस प्रशासन का चाबुक चला, तो इन कथित चुनाव करवाने वालों की सारी हेकड़ी निकल गई। जिससे हक और इंसाफ की आवाज़ उठाने वाले नौजवानों और बुजुर्गों की जीत हुई। अब गाडा बिरादरी के इन सियासी घुंघरूओ और मठाधीशों को पत्रकार इन्तखाब आजाद का मशविराह है कि सियासत मे वो अपनी मनमर्जी के नेता के घुंघरू बनकर रहे, मगर एक बात याद रखे,कि कम से कम बिरादरी और बिरादरी के नौजवानों तथा बुजुर्गों के साथ ईमानदारी से पेश आया करे_
पत्रकार इन्तखाब आजाद
दूरभाष: 9058405405
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