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Showing posts with the label Gada Biradri

गाड़ा अंजुमन का कथित चुनाव रद्द, पुलिस प्रशासन का चाबुक चला, तो निकल गई हेकडी, चुनाव करवाने वाले मैदान छोड़कर भागे,नौजवानों के जोश की जीत

सहारनपुर, उत्तर प्रदेश: मरहूम डिप्टी अब्दुर रहीम की सोच और उनके विजन के खिलाफ जाकर कथित रूप से  गाड़ा अंजुमन के सदर का चुनाव करवाने वाले लोगों के सामने बिरादरी के तमाम नौजवानों और बुजुर्गों ने आईन को दुरुस्त करके बेहद ईमानदारी के साथ चुनाव करवाने हेतु फिलवक्त इस चुनाव को टालने की हाथ जोड़कर गुहार लगाई और हरिद्वार, मुजफ्फरनगर, मेरठ, दिल्ली,हरियाणा तक के गाड़ो ने स्थानीय गाडो को साथ लेकर सहारनपुर में डेरा डाल दिया। मगर खुद को टी एन सेशन समझने वाले यह लोग हरगिज़ नहीं माने। लेकिन जैसे ही पुलिस प्रशासन का चाबुक चला और कानून ने अपना काम किया, तो इनकी सारी  हेकड़ी निकल गई। कल तक इस चुनाव को अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव की तरह मानकर चल रहे मठाधीशों ने बिरादरी के नौजवानों और बुजुर्गों की मेहनत और संघर्ष से घबराकर तत्काल पत्र जारी किया, कि चुनाव रद्द कर दिया है। सियासी नेताओं के घुंघरू और मठाधीशों ने जब यह तय कर लिया, कि गाडा अंजुमन के सदर का चुनाव हर कीमत पर करवाना है, तो बिरादरी के तमाम नौजवानों और बुजुर्गों ने चुनाव करवाने वालों पर दबाव बनाया और उसके बाद देवबंद जाकर एक मीटिंग में सबने कुछ आम सह

Bajheri Village | बझेड़ी गाँव | District Muzaffarnagar | ज़िला मुज़फ्फरनगर | Gada Biradri | Uttar Pradesh

बझेड़ी गाँव / Bajheri Village Bajheri Village / बझेडी गाँव भारत के उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर जिले की मुजफ्फरनगर तहसील में स्थित है। यह मुजफ्फरनगर से 4 से 5 किमी की दूरी पर स्थित है, जो बझेडी गांव / Bajheri Village का जिला और उप-जिला मुख्यालय है।  2009 के आंकड़ों के अनुसार, बझेडी गांव की ग्राम पंचायत है। गाँव का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 286.94 हेक्टेयर है। बझेरी गाँव की कुल जनसंख्या 15000 से 20000 के करीब है। बझेरी गांव / Bajheri Village में करीब 1100 घर हैं। मुजफ्फरनगर बझेरी का निकटतम शहर है जो लगभग 3 किमी दूर है। बझेडी गाँव / Bajheri Village भारत के उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में स्थित एक मध्यम गाँव है। यह मुजफ्फरनगर शहर से 3 किमी दूर है।  इस गाँव की स्थापना लगभग ३०० साल पहले श्री स्वर्गिय मरहूम बुंदु जी ने की थी, जिनके पास लगभग 1000 बीघे का एक बाग (बाग) भी था, जो पूरे गाँव के क्षेत्रफल का लगभग एक तिहाई है। इस गांव में 95% मुसलमान और 5% हिन्दू दलित हैं। यह मुस्लिम गौर (गाड़ा) बहुल गांव है। उर्दू शिक्षा का "मदरसा" (जमियातुल अबरार) जहां इस्लामी अध्ययन पढ़ाया जाता है। बझेड़ी ग

गाड़ा बिरादरी ज़िला मेरठ की अज़ीम शख्सियत का हुआ एक्सीडेंट के बाद निधन, दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में ली आखिरी सांस।

Doctor Zafar Ikla Rasoolpur ज़िला मेरठ छेत्र में (अक्सर गाड़ा बिरादरी में) ऐसा कोई शख्श नही बचा जो डॉक्टर ज़फर साहब को नही जानता हो, डॉक्टर ज़फर साहब अपने नर्म रवैये, मीठी बोली, ईमानदारी और अपने तर्क की वज़ह से हमेशा लोगो के दिलो में जगह बनने में सफ़ल रहे है। डॉक्टर ज़फर साहब कभी भी हिम्मत न हारने वाले लोगो मे से रहे है, डॉक्टर ज़फर साहब ने बताया था कि उन्होंने अपनी पूरी ज़िंदगी जद्दोजहद करने में निकाल दी और आज भी अपनी ज़िंदगी मे कोम से जुड़े मसलो पर जद्दोजहद कर रहे है। डॉक्टर ज़फर साहब बुध के दिन यानी 28 सिंतबर 2021 को एक्सीडेंट के चलते चोटिल हुए जिसके बाद उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया और अस्पताल में 24 घंटे तक वेंटिलेटर पर रहने के बाद डॉक्टर ज़फर साहब दुनिया को अलविदा कह गए। डॉक्टर ज़फ़र साहब ज़िला मेरठ गाड़ा बिरादरी की एक बहुत ही फिक्रमंद और महत्वपूर्ण शख्शियत मे से एक रहे है। डॉक्टर ज़फर साहब गाड़ा बिरादरी मेरठ ज़िला के गाँव इकला रसूलपुर के निवासी थे। डॉक्टर ज़फ़र साहब शुरू से ही अपनी पढ़ाई को लेकर बहुत ही शौकीन रहे है, डॉक्टर ज़फ़र साहब ने सन 1965 में कुरान पाक का हिफ़्ज़ मुकम्मल कर लिया था। क़ुरान हिफ़्ज़

बागोंवाली गाँव | ज़िला ~ मुज़फ्फरनगर | Bagowali Village | District ~ Muzaffarnagar | Uttar Pradesh

ज़िला मुज़फ्फरनगर के बागोंवाली गाँव के बारे में पढ़ रहे है जो कि एक मजबूत, अमीर गाँव होने के साथ एक ऐतिहासिक गाँव भी रहा है। बागोवाली गाँव एक बहुल मुस्लिम गाँव है जिसकी जनशंख्या 22 सिंतबर 2021 के हिसाब से लगभग 30 हज़ार है। इस गाँव मे मुस्लिम समाज की गाड़ा बिरादरी के लोग रहते है। राजनीतिक तौर पर मत देने वालो की शंख्या लगभग 15 हज़ार है, गाड़ा बिरादरी के लोगो के साथ-साथ मुस्लिम समाज के अंसारी लोग भी रहते है और साथ ही कुछ लोग अन्य धर्म और वर्ग के लोग भी रहते है। इस गाँव मे 90 प्रतिसत लोग गाड़ा बिरादरी से ताल्लुक़ रखते है। ज़िला मुज़फ्फरनगर में गाड़ा बिरादरी के मुख्य रूप से 12 से 13 गाँव है जहाँ पर ज्यादातर गाड़े व अन्य बिरादरी के लोग रहते है। मुज़फ्फरनगर जिला के बागोवाली गाँव का प्रधान भी गाड़ा बिरादरी का ही चुना हुआ है। बांगोवाली गाँव में से गाड़ा बिरादरी की पुराने समय मे बहुत ही महत्वपूर्ण शख्सियत रही है जिनमे से कुछ लोग के नाम इस प्रकार है ~ ★ मौलवी मुन्फैत अली - बाग़ोंवाली - साबिक़ मेंबर असेम्बली, यू• पी•(पहले गाड़ा एम• एल• ए• विधायक) ★ मोहम्मद रफ़ीक़ - साबिक़ जज- इलाहाबाद हाइकोर्ट  ★ मोहम्मद क़ासिम - देवबंद

गाड़ा बिरादरी क्लब की एकतरफा शानदार वापसी, इकला रसूलपुर की टीम को किया ढ़ेर ~ जाने 2nd मैच की पूरी जानकारी।

  गाड़ा बिरादरी क्लब vs इकला रसूलपुर की टीमो के बीच 1 जुलाई को दोपहर के 2 बजे से सीरीज का दूसरा मैच समय से थोड़ा लेट स्टार्ट हुआ, दर्शको से किला परिक्षित गढ़ कॉलेज का स्टेडियम चकाचक भरा हुआ था। सभी दर्शक काफी उतुसुक नज़र आ रहे थे। इकला टीम के पहले मैच में शानदार जीत के बाद इकला टीम का हौसला बुलंद था वही दूसरी टीम जिसको गाड़ा बिरादरी क्लब से जाना जा रहा था वो भी मैदान पर पहले मैच का हार का बदला लेने को बेताब थे।  जैसे तैसे थोड़ी देर से मैच शुरू हुआ, समय कम होने के चलते मैच को 18-18 ओवर का रखा गया । पहले मैच हारने के बाद कुछ गाँवो के दर्शक जो कि गाड़ा बिरादरी के गाँव के होने के बावजूद उस गाँव से गाडा बिरादरी क्लब में कोई खिलाड़ी नही खेल रहा था तो इस चीज़ को लेकर दर्शको ने सवाल खड़े किए की कैसे 4 गाँवो की प्लेयर को गाडा बिरादरी क्लब बोला जा रहा है। इकला रसूलपुर की टीम के सामने 4 से 5 गाडा बिरादरी के गाँव के खिलाड़ी मिलकर खेल रहे थे जिसमें इकला के विरोधी टीम को गाड़ा बिरादरी क्लब नाम दिया गया। मैच शुरू हुआ गाड़ा बिरादरी क्लब ने पहले बैटिंग करने का फैसला किया, गाड़ा बिरादरी क्लब ने पहले बल्लेबाजी करते हु

जावेद उर्फ छोटू ने इकला रसूलपुर की टीम को फिर से छेत्र की नंबर वन टीम बनाई, गाड़ा बिरादरी क्लब को धूल चटाई ~

  खानपुर प्रीमियर लीग के फाइनल मैच में हारने के बाद इकला रसूलपुर की टीम के खिलाड़ीयो का खून उबाल मार रहा था, खून उबाल मारे भी क्यों ना जब छेत्र की नंबर वन टीम की पोजीशन हाथ से छिन गयी हो। खैर KPL के फाइनल के बाद इकला रसूलपुर की टीम से कोई भी इलाके की टीम मैच रखने को तैयार नही हुई, खानपुर की टीम KPL का फाइनल मैच खेलकर कुछ दिन रेस्ट कर रही थी, लेकिन इकला के खिलाड़ियों ने अन्य गाँवो व टीम के खिलाड़ियों को चैलेंज देकर इकला की टीम के सामने मेरठ जिला के गाड़ा बिरादरी के सभी गाँवो से बेहतरीन प्लेयर को एक टीम में खेलने की चुनोती दे डाली ओर 30 जून 2021 को मैच फिक्स कर डाला। मैदान गाड़ा बिरादरी के तमाम गाँवो के दर्शकों से चकाचक भरा हुआ था। दर्शक इस मैच को लेकर काफी उत्सुक थे क्योंकि बहुत दिनों बाद एक रोमांचक मैच देखने को मिल रहा था। इस मैच के सुपर हीरो रहे इकला रसूलपुर के महान खिलाड़ी जावेद उर्फ छोटू ने सबसे बेहतरीन प्रदाशन करते हुए ताबड़तोड़ 80 रन बनाये और मोइन उर्फ लारा ने 50 रन मारे जिसकी बदौलत इकला की टीम ने एक 198 रनों का मजबूत स्कोर खड़ा कर दिया।  अब सामने आई गाडा बिरादरी क्लब की टीम जिसमे गाडा बिर

Gada Biradri History in Hindi/ Gada Biradri Islamic History / Gada Community History / गाड़ा बिरादरी का इतिहास हिंदी में / Garha / Gada / Gaur

गाड़ा बिरादरी यूं तो इस्लाम मे बिरादर जात, पात, खानदान और रंगों नस्ल की कोई हैसियत नही, कोई खास खानदान बिरादरी या नसब कोई मियार फ़ज़लों कमाल नही बल्के इंसान के मुआज़ज़्ज मोहतरम और अफज़ल (बड़ा) होने का मियार दूसरा है। जिसको क़ुरआने क़रीम इन अल्फ़ाज़ में बयान करता है। सूरे हज़रात आयात नंबर का तर्जमा - ऐ लोगो बिला शुबा (कोई शक नही)  हमने तुमको एक मर्द और एक औरत से पैदा किया और बनाया तुमको बिरादरीयो और कबीलों में ताके तुम एक दूसरे को पहचानो, यकीनन अल्लाह पाक के नज़दीक तुममे सबसे ज़्यादा मोहतरम वो है जो सबसे ज़्यादा परहेज़गार (डरने वाला) है। बिला शुबा ( कोई शक नही) अल्लाह तआला जानने वाला बाख़बर है। इस आयत में अल्लाह तबारक वताआला ने साफ-साफ बतला दिया के फ़ाज़लों कमाल का मियार तक़वा ओर परहेज़गारी है। हस्बो न्सब और खानदान बिरादरी नही बल्कि इंसान होने के नाते तमाम इंसान बराबर है। क्योंकि सबकी असल एक ही है तमाम लोग एक ही माँ बाप से पैदा हुए है।  हिंदुस्तानी मुसलमानों के एक बड़ी तादाद ऐसे लोगो की है जो कि असलियत में नस्लों के आधार पर हिन्दू थे, लेकिन एक खास जनशंख्या ऐसे मुसलमानो की भी है जिनका ताल्लुक बेरवन हिन्द से ह

आतिफ रशीद जी मोदी गवर्नमेंट में अल्पशंख्यो के लिए सबसे बेहतरीन और राहत का कार्य कर रहे है।

आतिफ रशीद जी, गाडा बिरादरी की शान और एक कामयाब शख्सियत है। आतिफ रशीद जी का जन्म भारत की राजधानी दिल्ली में स्तिथ मस्जिद हाजी फकरूद्दीन आज़ाद मार्किट में हुआ, आतिफ राशीद जी के पिता जी का जन्म उत्तर प्रदेश के पश्चिम छेत्र जिला मुज़फ्फरनगर गांव खुड्डा खामपुर गाड़ा बिरादरी के गाँव मे हुआ। आतिफ राशीद के पिता जी दिल्ली के NDMC स्कूल में सरकारी अध्यापक रहे। आतिफ राशीद जी के पिता जी वहाँ बच्चो से लेकर बड़े लोगो तक को दीनी तालीम से लेकर दुनियादारी का इल्म देते थे। आतिफ रशीद जी 22 जून 2018 से लेकर अबतक यानी दिनांक 26 फरवरी 2021 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कोर्ट मेंबर है, जो कि भारत के राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किया जाता है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कोर्ट मेंबर होने के साथ-साथ 2019 जनवरी को भारत सरकार में राज्य मंत्री के पद पर चुने गए। 5 नवंबर 2020 को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के केबिनेट मिनिस्टर व वाईस चैयरमैन (उपाध्यक्ष) चुने गये। इससे पहले पूर्व में आतिफ रशीद जी अजमेर शरीफ दरगाह कमेटी के अहम मेंबर भी रह चुके है। आतिफ रशीद जी बचपन से बहुत होनहार औऱ सामाजिक कार्यो में बहुत दिलचस्पी रखते थे।

हमेशा की तरह गाड़ा बिरादरी कोरोना वायरस से फैली महामारी के खिलाफ लोगो की सहायता के लिए आगे आयी

कोरोना वायरस की महामारी के चलते पूरे हिंदुस्तान में मोदी सरकार ने Lockdown घोषित कर रखा है, ओर lockdown घोषित करने के बाद देश मे अपने घरों को छोड़कर दूसरे राज्यो या स्थानों पर काम करने वालो के लिए कोरोना वायरस की वजह से सबसे ज्यादा मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। जैसे ही भारत के प्रधानमंत्री ने 24 मार्च 2020 को देशभर में lockdown घोसित किया, उसके बाद ही गरीब मजदूर तबके में हड़कंप मच गया। एक दिन की झाड़ी पर पूरे परिवार को निर्भर रहने वाले परिवारों को lockdown के चलते सबसे ज्यादा कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। lockdown घोषित होने के बाद जो यूपी की जनता दिल्ली के ISBT पर एकत्र हो गयी थी, उनको घर वापस पहुंचाने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने 1000 बसों की भेजने की घोषणा की, ओर कुछ लोग उनमें ऐसे थे जो कि अपने घरों के किये 500-1000 km की दूरी तय करने पैदल ही निकल पडे। मेरठ गाड़ा बिरादरी lockdown के चलते कैसे मदद कर रही है जरूरतमंद लोगों की -  गढ़ रोड़ पर गाड़ा बिरादरी के दो गाँव गोकुलपुर ओर कमालपुर पड़ते हैं, वहाँ के जिम्मेदार लोगों के साथ-साथ गाड़ा बिरादरी मेरठ के नोजवान

गाड़ा बिरादरी - Gada caste

गाडा, जिसे कभी गौड़ और कभी-कभार गाडा के नाम से जाना जाता है, गाडा एक मुस्लिम समुदाय या जाति है जो भारतीय राज्यों उत्तर प्रदेश और हरियाणा में पाई जाती है । गाडा बिरादरी के लोग शिक्षित और स्व निर्भर कामकाजी जाति के हैं और गाडा बिरादरी भारत की सामान्य श्रेणी में आते हैं। गाडा समुदाय में ज्यादातर किसान शामिल हैं जिन्हें नम्बरदार, पधान, जमींदार, चौधरी कहा जाता है, जो उत्तर प्रदेश के दोआब क्षेत्र में केंद्रित है, और पड़ोसी राज्य उत्तराखंड के हरिद्वार और हरियाणा के यमुनानगर जिले में हैं। उनकी प्रत्येक बस्तियों में एक ग्राम-आधारित जाति परिषद है, जिसे एक बिरादरी पंचायत के रूप में जाना जाता है, जो सामाजिक नियंत्रण के साधन के रूप में कार्य करता है और अंतर-सामुदायिक विवादों को हल करता है।  धर्म के संदर्भ में, वे काफी रूढ़िवादी सुन्नी मुसलमान हैं, और अन्य पड़ोसी मुस्लिम किसान जातियों के समान रीति-रिवाज हैं। गाड़ा उर्दू और स्थानीय खडी बोली दोनों बोलते हैं। Gada बिरादरी के लोग अपनी जुबान ओर सब्दो के लिए जाने जाते है, जिससे एक बार किसी भी काम के लिए commitment कर देते  है तो तब तक चैन की सांस