www.village-viral.com/Masoori-Samaj भारतीय जाति व्यवस्था का इतिहास विभिन्न युगों में विकसित हुआ है। इसके अनुसार, भारतीय समाज को चार मुख्य वर्णों में बाँटा गया था - ब्राह्मण, शत्रिय, वैश्य, और शूद्र। संस्कृत में वर्ण शब्द का अर्थ होता है "रंग" या "वर्णन"। इस व्यवस्था में, ब्राह्मण वर्ण के लोग धार्मिक ग्रंथों के पठन-पाठन में विशेषज्ञ थे, शत्रिय वर्ण युद्ध और राजनीति के क्षेत्र में अधिक गतिविधियों में लगे थे, वैश्य वर्ण वाणिज्य और व्यापार में व्यस्त थे, और शूद्र वर्ण के लोग सामाजिक काम करते थे। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे है भारत के एक समुदाय के बारे में जो धर्म से मुस्लिम है और उनकी जाती का नाम धूना है जिसका सरनेम मंसूरी है। इंटरनेट पर इस समुदाय के बारे में बहुत ही काम जानकारी मिलेगी लेकिन इस आर्टिकल के माध्यम से आप इस समाज के बारे में कुछ बातें जान सकेगे। धुने धुनिया मँसूरी समाज का इतिहास और पेशा रूई को पीन कर रजाई तैयार करना था मँसूरी एक लकब है जो ईरान शहर मे पैदा हुए सूफी शहिद मँसूर हल्लाज के नाम को अपना सरनेम लगाते है मँसूरी समाज भारत में निवास है
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